SBI Bank New Rules 2025: SBI ने अपने खाता धारकों के लिए 2025 में एक नया नियम लागू किया है, जो बैंकिंग दुनिया में काफी चर्चा का विषय बन गया है। इस नए नियम के अनुसार, अब सभी खाता धारकों को अपनी बैंकिंग गतिविधियों और लेन-देन के मामले में कुछ नई शर्तों और नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इससे कई खाताधारकों को आर्थिक और दैनिक लेन-देन में बदलाव महसूस हो सकता है। बैंक ने बताया है कि इस नियम का मकसद खाताधारकों को बेहतर सेवा देना और बैंकिंग सुरक्षा को और मजबूत करना है।हालांकि, इस बदलाव के कारण कई लोगों को शुरुआती झटका लग सकता है, क्योंकि उन्हें अब अपने पुराने तरीकों से काम करने में दिक्कत हो सकती है। नए नियम के तहत कुछ शुल्क, लेन-देन की सीमा और खाता संचालन के तरीके बदल सकते हैं। इसलिए सभी SBI खाता धारकों को सलाह दी जा रही है कि वे इस नियम को अच्छी तरह समझें और आवश्यक तैयारी कर लें। इस नियम का प्रभाव सीधे खाताधारकों की दैनिक बैंकिंग गतिविधियों पर पड़ेगा, इसलिए समय रहते जानकारी लेना और आवश्यक कदम उठाना बेहद जरूरी है। बैंक की ओर से यह बदलाव सुरक्षित और सुविधाजनक बैंकिंग सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
01 अक्टूबर से होंगे लागू
SBI ने 1 अक्टूबर 2025 से अपने खाता धारकों के लिए नए नियम लागू करने का ऐलान किया है, जो बैंकिंग लेन-देन और खाता संचालन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगे। इस नए नियम के तहत सभी खाताधारकों को अपनी बैंकिंग गतिविधियों और लेन-देन के तरीके में कुछ नई शर्तों का पालन करना होगा। बैंक का कहना है कि इसका मकसद खाताधारकों की सुरक्षा बढ़ाना और बैंकिंग सेवा को और अधिक सुविधाजनक बनाना है। हालांकि, शुरुआती चरण में कई खाताधारकों को इस बदलाव का झटका लग सकता है, क्योंकि कुछ पुराने नियम और प्रक्रियाएँ अब लागू नहीं रहेंगी। नए नियम के तहत खाता संचालन, न्यूनतम बैलेंस, लेन-देन की सीमाएँ और शुल्क संरचना में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसलिए सभी SBI खाता धारकों के लिए जरूरी है कि वे 1 अक्टूबर से पहले इस नियम को पूरी तरह समझ लें और आवश्यक तैयारी कर लें। बैंक ने इस बदलाव के बारे में विस्तृत जानकारी अपने ग्राहकों को देने की बात कही है, ताकि कोई भी असुविधा न हो। इस नियम का असर सीधे खाताधारकों की दैनिक बैंकिंग गतिविधियों पर पड़ेगा, इसलिए समय रहते सावधान रहना और बदलावों को अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है।
SBI नए नियम कौन से हैं
SBI ने 1 अक्टूबर 2025 से अपने दो महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किए हैं, जिनका असर सीधे खाताधारकों की बैंकिंग गतिविधियों पर पड़ेगा। पहला नियम है ऑटो स्वीप (Auto Sweep) की न्यूनतम सीमा, जो पहले ₹35,000 थी और अब बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई है। इसका मतलब है कि आपके खाते में ₹50,000 से अधिक राशि होने पर ही अतिरिक्त पैसा ऑटोमैटिक फिक्स्ड डिपॉजिट में चला जाएगा। इससे खाताधारकों को उच्च ब्याज प्राप्त करने में मदद मिलेगी, लेकिन जिन लोगों का बैलेंस अक्सर ₹50,000 से कम रहता है, उनके लिए यह सुविधा पहले जैसी नहीं रहेगी।
दूसरा नियम है UPI ‘Collect’ सुविधा का समापन, जिसके तहत अब खाताधारक UPI के जरिए ‘Collect’ रिक्वेस्ट भेजने या प्राप्त करने में सक्षम नहीं रहेंगे। हालांकि, सामान्य UPI पेमेंट करने की सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी। यह बदलाव मुख्य रूप से डिजिटल लेन-देन को और सुरक्षित बनाने और NPCI के नए निर्देशों के अनुसार लाया गया है। दोनों ही बदलाव खाताधारकों को समय रहते समझकर अपने लेन-देन और खाता प्रबंधन में बदलाव करने की जरूरत बताते हैं।
तीसरे नियम में SBI ने 1 अक्टूबर 2025 से पेंशनधारकों के लिए जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के पेंशनधारकों के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की समयसीमा बढ़ा कर अगले वर्ष 30 नवंबर तक कर दी गई है। पहले पेंशनर को यह प्रमाण पत्र हर साल तय समय पर जमा करना होता था, जिससे कई बुजुर्ग पेंशनर समय पर जमा नहीं कर पाते थे और उन्हें पेंशन में असुविधा का सामना करना पड़ता था। नए नियम के अनुसार, पेंशनधारकों को अब अधिक लचीलापन मिलेगा और वे आराम से अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकेंगे। यह बदलाव मुख्य रूप से बुजुर्ग पेंशनरों की सुविधा और पेंशन वितरण को सुचारू बनाने के लिए किया गया है। SBI ने यह सुनिश्चित किया है कि पेंशनधारकों को पेंशन में किसी प्रकार की रुकावट न आए और उन्हें समय पर वित्तीय मदद मिलती रहे। इस बदलाव से पेंशनधारक तनाव मुक्त रहेंगे और बैंकिंग प्रक्रिया उनके लिए और आसान हो जाएगी।
क्यों बदले जा रहे हैं यह नियम
SBI द्वारा 1 अक्टूबर 2025 से लागू किए जाने वाले नियम कई कारणों से बदले जा रहे हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य खाताधारकों की सुरक्षा बढ़ाना, बैंकिंग प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाना और डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित करना है।
- ऑटो स्वीप लिमिट बढ़ाने का कारण: पहले ₹35,000 की न्यूनतम सीमा थी, लेकिन बैंक ने इसे ₹50,000 कर दिया है ताकि खाताधारकों की बचत को बेहतर ढंग से फिक्स्ड डिपॉजिट में बदला जा सके और उन्हें अधिक ब्याज लाभ मिल सके। यह बदलाव खाताधारकों की पूंजी सुरक्षा और लाभप्रद निवेश सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
- UPI ‘Collect’ सुविधा समाप्त करने का कारण: डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा और NPCI के नए निर्देशों के अनुसार, ‘Collect’ रिक्वेस्ट को बंद करना जरूरी हो गया। इससे धोखाधड़ी के मामले कम होंगे और डिजिटल भुगतान प्रणाली और अधिक सुरक्षित बनेगी।
- पेंशनधारकों के लिए जीवन प्रमाण पत्र की समयसीमा बढ़ाने का कारण: बुजुर्ग पेंशनधारक अक्सर समय पर प्रमाण पत्र जमा नहीं कर पाते थे, जिससे पेंशन में रुकावट होती थी। नई समयसीमा 30 नवंबर तक बढ़ाने से उन्हें अधिक लचीलापन मिलेगा और पेंशन वितरण नियमित रहेगा।
नए नियमों से ग्राहकों पर असर
1 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाले SBI के नए नियमों का सीधा असर ग्राहकों की दैनिक बैंकिंग गतिविधियों और लेन-देन पर पड़ेगा। ऑटो स्वीप लिमिट बढ़ने से उन खाताधारकों को ध्यान रखना होगा जिनका खाता बैलेंस अक्सर ₹50,000 से कम रहता है, क्योंकि अब अतिरिक्त राशि अपने आप फिक्स्ड डिपॉजिट में नहीं जाएगी। इससे उन्हें अपने पैसे की योजना थोड़ी बदलनी पड़ सकती है। UPI ‘Collect’ सुविधा के बंद होने से डिजिटल लेन-देन में कुछ बदलाव आएंगे; अब ग्राहक सीधे UPI के जरिए ‘Collect’ रिक्वेस्ट नहीं भेज पाएंगे, लेकिन सामान्य भुगतान जारी रहेगा। वहीं, पेंशनधारकों के लिए जीवन प्रमाण पत्र की समयसीमा बढ़ने से बुजुर्ग ग्राहकों को पेंशन प्राप्त करने में सुविधा और लचीलापन मिलेगा, जिससे उन्हें समय पर पेंशन प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। कुल मिलाकर, इन बदलावों से खाताधारकों को अपनी बैंकिंग आदतों और योजनाओं में बदलाव करने की जरूरत होगी, लेकिन साथ ही ये नियम उनकी सुरक्षा, सुविधा और बैंकिंग अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए लागू किए गए हैं।
अब ग्राहक क्या करें
SBI के नए नियमों को ध्यान में रखते हुए ग्राहकों के लिए कुछ जरूरी कदम उठाना बेहद जरूरी है। सबसे पहले, अपने खाते का बैलेंस और ऑटो स्वीप सेटिंग्स जांचें ताकि नई न्यूनतम सीमा ₹50,000 के अनुसार आपका पैसा सही तरीके से फिक्स्ड डिपॉजिट में जा सके।
दूसरा, UPI ‘Collect’ सुविधा बंद होने के कारण अपने डिजिटल लेन-देन की आदतों को समायोजित करें और सुनिश्चित करें कि सभी पेमेंट सामान्य UPI या अन्य सुरक्षित विकल्पों से हो।
पेंशनधारकों को सलाह दी जाती है कि अपने जीवन प्रमाण पत्र को समय पर जमा करने की तैयारी कर लें और बैंक की नई समयसीमा का पालन करें, ताकि पेंशन में कोई रुकावट न आए।
इसके अलावा, सभी ग्राहकों को SBI की आधिकारिक वेबसाइट, मोबाइल बैंकिंग ऐप और नजदीकी शाखा के माध्यम से नए नियमों और शुल्क संरचना की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
इन कदमों को अपनाकर ग्राहक न केवल अपने पैसे और पेंशन को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि नए नियमों का लाभ भी आसानी से उठा सकते हैं। समय रहते तैयारी करना और जानकारी रखना इस बदलाव में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।